eSIM Fraud : eSIM (Embedded SIM) एक डिजिटल सिम है जो स्मार्टफोन में सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इंस्टॉल होती है। यह कॉल, मैसेज और इंटरनेट जैसी वही सुविधाएं देती है जो एक फिजिकल सिम देती है। लेकिन अब साइबर अपराधी इसी तकनीक का गलत फायदा उठाने लगे हैं। अगर कोई हैकर आपकी जानकारी के बिना आपकी फिजिकल सिम को eSIM में बदल देता है, तो वह आपके बैंक के OTP और ऑथेंटिकेशन कोड हासिल कर सकता है। इससे वह आपके बैंक खाते को पूरी तरह नियंत्रित कर सकता है।
eSIM Fraud : मुंबई में शख्स के खाते से 4 लाख रुपये गायब
हाल ही में मुंबई में एक व्यक्ति इस तरह के साइबर हमले का शिकार हुआ। उसे एक अनजान नंबर से कॉल आया और महज 15 मिनट में उसके फोन का नेटवर्क चला गया। जब तक उसने अपना एटीएम कार्ड, UPI और बैंक अकाउंट ब्लॉक कराया, तब तक उसके खाते से 4 लाख रुपये निकाले जा चुके थे। जांच में पता चला कि पीड़ित ने गलती से एक लिंक पर क्लिक किया था, जिससे उसकी सिम eSIM में बदल गई और हैकर के डिवाइस से जुड़ गई।
कैसे काम करता है eSIM स्कैम
eSIM फ्रॉड में आपकी सिम बदलने के बाद, ठग का फोन आपके सभी कॉल और OTP रिसीव करने लगता है। पारंपरिक सिम स्वैप में जहां सिर्फ SMS प्रभावित होते हैं, वहीं eSIM फ्रॉड में OTP कॉल के जरिए भी मिल जाते हैं। यही वजह है कि इस तरीके से धोखाधड़ी तेज़ और पकड़ में आने में मुश्किल होती है।
कैसे बचें eSIM फ्रॉड से
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वह SMS या ईमेल से आया हो।
- अनजान कॉल पर SIM या eSIM वेरिफिकेशन के नाम पर कोई जानकारी साझा न करें।
- अपनी निजी और बैंकिंग जानकारी फोन या मैसेज से कभी न बताएं।
- जहां संभव हो, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें।
- अचानक नेटवर्क गायब होने पर तुरंत अपने टेलीकॉम ऑपरेटर को सूचित करें।